Natural farming यानि प्राकृतिक खेती जो एक रसायन मुक्त उर्फ़ परम्परागत खेती है
एग्रीकल्चर और पर्यावरण के साथ संतुलित खेती का प्रकार माना जाता है जो फसले, पेड़ और विभिन्न जैव विविधता को सामूहिक रूप प्रदान करता है
जिसमे कोई भी बाहरीय रसायन और खाद को शामिल नही किया गया है
इस खेती को Bhartiya Prakritik Krishi Paddhati Programme के अंतर्गत केन्द्रीय चलित योजना परंपरागत कृषि विकास योजना रखा गया है
Natural farming को बढावा देने के उद्देश्य से केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्धारा 2500 करोड़ रूपये का प्रोपोजल तैयार किया जा रहा है
अभी तक देश में नेचुरल फार्मिंग कुल एरिया 4.09 लाख हेक्टेयर है
अब किसानो को प्राकृतिक खेती करने पर प्रति हेक्टेयर 32,500 रूपये देने की तैयारी हो रही है