Top tourist places in Maharashtra : भारत में पर्यटन की पहचान महाराष्ट्र से होती है। यही वजह है की देश और विदेश के पर्यटकों के लिए महाराष्ट्र सभ्यता, संस्कृति, परंपरा और अरब सागर के साथ मराठी संस्कृति की आनोखी पहचान का अद्भुत संगम है राज्य में मुंबई के अरब सागर से कोंकण अंचल तक 720 किलोमीटर का विशाल समुद्री किनारा है। जहां पर पर्यटकों की प्रकृति की गोद में सुकून की तलाश पूरी होती है प्रकृति का अद्भुत सौंदय एवं मनमोहक द्रश्य रोमांच भरा होता है
महाराष्ट्र के ये 8 स्थान जो है स्वर्ग से भी सुंदर:- जानें क्या है खास | top tourist places in Maharashtra
श्री वर्धन – रायगड
महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के रायगड में श्री वर्धन तहसील स्थित हैं यह स्थान अपने स्वच्छ और रेतीले समुद्र तट के लिए विश्व प्रसिद्ध है यह के चौडे और शांत समुद्र तट पर आराम करने और सूर्यास्त के लुभावने दृश्यों का आनंद लिया जा सकता हैं। यहाँ के समुद्र तटों पर पर्यटक घूमने के साथ साथ पिकनिक के लिए भी आते हैं श्री वर्धन एक तरफ सह्याद्री की पहाड़ी हैं तो दूसरी तरफ अरब सागर स्थित हैं।

श्री वर्धन के हर घर पर आपको सुपारी का पौधा नजर आता है वही श्री वर्धन से 23 किलो मीटर उत्तर में दिवेगर समुद्र तट भी पर्यटक की नजर से काफ़ी लोकप्रिय हैं
श्री वर्धन पहुंचने के लिए सड़क और रेल मार्ग दोनों का विकल्प उपलब्ध है श्री वर्धन शहर अलीबाग से 117 किलोमीटर , मुंबई से 182 किलोमीटर और पुणे से 162 दूरी पर स्थित हैं । यह मुंबई- गोवा राष्टीय महामार्ग 66 से जुड़ा हुआ हैं। वही इसका निकटतम रेलवे स्टेशन माडगाव 45 किलोमीटर दूरी पर हैं यह पर्यटकों के लिए होटल , रिसॉर्ट और होमस्टे के रूप में निवास के विकल्प उपलब्ध हैं
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कुनकेश्वर – सिंधुदुर्ग
कुनेकश्वर कोंकण संभाग के सिंधुदुर्ग जिले के देवगड़ तहसील में स्थित हैं कुनकेश्वर स्वच्छ व रितीले समुद्र तटों और पहाड़ी परिवेश के लिए जाना जाता हैं इस जगह पर सनबाथिंग और स्विमिंग जैसी गतिविधियों का लुप्त उठाया जा सकता हैं कुनकेश्वर मंदिर महाशिवरात्रि उत्सव और कुनकेश्वर यात्रा (मेल) के लिए प्रसिद्ध हैं।

कुनकेश्वर से 7 किलोमीटर दूरी पर देवगड़ समुद्र तट भी है जो मछली पकड़ने और धूप सेंकने के लिए प्रसिद्ध हैं जबकि 49 किलोमीटर दूरी पर स्थित तारकरली समुद्र तट पानी के खेल गतिविधियों के लिए जाना जाता हैं । कुनकेश्वर से 37 किलो मीटर दूरी पर विजय दुर्ग किला और 8.4 किलो माइटर दूरी पर देवगड़ का किला स्थित है।
कुनकेश्वर सिंधुदुर्ग के उत्तर-पश्चिम में 63 किलोमीटर कोल्हापूर से 137 किलोमीटर और मुंबई से 420 किलोमीटर दूरी पर स्थित हैं। कुकनेश्वर बीच के पास mtdc का सी साइट रिजर्ट (RIJART) उपलब्ध है तटीय क्षेत्र में होने के कारण यह के होटलों पर समुद्री भोजन और मालवाड़ी व्यंजन परोसा जाता हैं।
पन्हाल- कोल्हापूर
मराठा इतिहास में बेहद महतपूर्ण भूमिका निभाने वाला पन्हाल महाराष्ट्र के अत्यंत मनमोहक पर्यटक स्थलों में से एक है। पन्हाल कोल्हापूर से महज 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह समुद्र तट से 977 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ी पर स्थित हैं जहां पर छत्रपति शिवाजी महाराज ने 500 से अधिक दिनों तक निवास किया था इसलिए मराठा साम्राज्य के इतिहास में इस पहाड़ी का सामरिक महत्व अद्वितीय था

पन्हाल का किला दक्कन का सबसे बडा किला है इस किले की सज्जा कोठी यानि जेल का इस्तेमाल शिवाजी महाराज ने गोरिला युद्ध में कई बार किया था यह स्थल पर्वतरोहड़ के लिए प्रसिद्ध है
छत्रपति शिवाजी महाराज पन्हाल से विशाल गड किले पर गये थे इसलिए इस मार्ग पर पर्वतरोही शिवज महाराज के जयघोष के साथ पर्वतरोहड़ करते हैं किले के पास अंबरखाना किला, खाद्य भंडार जैसी इमारतों के कुछ अवशेष है इस किले के करीब सोमेश्वर मंदिर, नागझरी और पराशर गुफाये है। बताया जाता है कि पराशर गुफा में महर्षि पराशर ने निवास किया था।
पन्हाल मुंबई से 380 किलोमीटर दूरी पर है और पुणे से इसकी दूरी 236 किलोमीटर है यहाँ पर सड़क, रेलवे और हवाई मार्ग से जाया जा सकता है यह पर पर्यटकों को ठहरने के लिए MTDS के महा लक्ष्मी और निजी रिसॉर्ट बने हुए हैं।
जव्हार – पालघर
जव्हार मुंबई से सटे पालघर जिले मे sahyadris सह्याद्री पर्वत के नजदीक घने जंगलों में बसा एक पर्यटक स्थल है जव्हार में दर्शनीय प्रकृति का सौन्दर्य,सनसेट पॉइंट, प्राचीन मंदिर, जैसागर, खड़खड़ बांध, और हनुमान पॉइंट आकर्षण का केंद्र हैं।

आदिवासी समाज के कलाकारों द्धारा तैयार की जानें वाली वारली पेंटिंग दुनिया भर में लोकप्रिय है यहाँ पर पर्वतरोहड़ साल भर चलने वाली गति विधियों में से एक है इसके अलावा पेंटिंग के लिए प्रदर्शनी और तारपा नृत्य के कार्यक्रम आयोजित होते रहते है जव्हार और आसपास के पहाड़ियों को देखने के लिए मानसून का समय सबसे बेहतरीन होता है
मुंबई से जव्हार लगभग 134 किलोमीटर दूरी पर, पुणे से 267 किलोमीटर और नाशिक के इगतपूरी रेलवे स्टेशन से 60 किलोमीटर दूरी पर है यहाँ पर शांति सरोवर रिसॉर्ट निवास के लिए बेहतरीन विकल्प है
हरिहारेश्वर – रायगड
हरिहारेश्वर रायगड जिले के श्री वर्धन तहसील का एक गाँव है यह स्थान अपने स्वच्छ और रितीले समुद्र तटों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर सबसे लोकप्रिय शिव और कालभैरव मंदिर है भगवान शिव को समर्पित मंदिर होने के कारण हरिहारेश्वर को दक्षिण का काशी भी कहा जाता है हरिहारेश्वर से 12 किलोमीटर की दूरी पर वेलस बीच है जो अपने कछुओ उत्सव के लिए प्रसिद्ध है।

हरिहारेश्वर मुंबई से हरिहारेश्वर की दूरी 192 किलोमीटर, पुणे से 175 किलोमीटर और अलीबाग शहर से 81 दूरी पर स्थित है। हरिहारेश्वर में सड़क और रेल मार्ग से पहुचा जा सकता है यह स्थान मुंबई- गोवा राष्टीय महामार्ग 66 से सटा हुआ है मुंबई , पुणे और श्री वर्धन से हरिहारेश्वर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन महामंडल की बसें भी उपलब्ध है
हरिहारेश्वर जाने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन मादगाव है यह स्थान समुद्री भोजन के अलावा उकदी मोदक के लिए प्रसिद्ध है पर्यटकों को रहने के लिए हरिहारेश्वर में MTDS के रिसॉर्ट उपलव्ध हैं ।
आंबोली हिल स्टेशन – सिंधुदुर्ग
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में स्थित आंबोली एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है आंबोली का हिल स्टेशन आंबोली घाटी पर स्थित है जो सह्याद्री में एक पहाड़ी का दर्रा है । यहाँ से कोकण के समुद्र तट का विहंगम नजारा देखा जा सकता है यह घने जंगलों, झरनों और मनमोहक प्राकर्तिक परिदृश्य से घिरा हुआ है आंबोली की पहचान कोकण के महाबलेश्वर के रूप में भी है ।

आंबोली मुंबई से 550 किलोमीटर दूरी पर स्थित है जबकि पुणे से आंबोली 400 किलोमीटर दूरी पर स्थित है आंबोली से सिंधुदुर्ग का सावंतवाडी रेलवे स्टेशन 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह पर्यटकों को रहने के लिए ग्रीनवैली प्रसिद्ध निवास स्थान है इसके अलावा यहाँ पर विभिन्न निजी होटल , गेस्ट हाउस , रिसॉर्ट उपलव्ध हैं ।
पर्यटक यहाँ जून से अगस्त के बीच प्रकृति की खूबसूरती का मजा ले सकते हैं पर्यटक यहां के स्थानीय मालवाणी भोजन , कोंकण शैली की मछली और फोकस शर्बत का लुप्त उठा सकते हैं।
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माथेरान – रायगड
माथेरान देश के आकर्षक हिल स्टेशन में से एक हिल स्टेशन है यह महाराष्ट्र के रायगड जिले के कर्जत तहसील पर स्थित है यह अपक ठंडी जलवायु और प्रदूषक मुक्त हवा के लिए लोकप्रिय है इस हिल स्टेशन पर मोटर वाहनों पर प्रतिबंध है इसलिए यह एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए घोड़े का इस्तेमाल किया जाता है यह पर्यटक तक पहुचने के लिए नेरल से माथेरान तक के लिए टॉय ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं

हिल स्टेशन पर पैनोरमा पॉइंट माथेरान वॉटरफाल , गारबेट पॉइंट , लॉडर्स पॉइंट से अद्भुत नजारा देखने को मिलता हैं माथेरान का मौसम साल भर सुखद रहता हैं माथेरान में विभिन्न रिज़ॉर्ट और होटल उपलव्ध हैं। यह क्षेत्र में गुड और मूंगफली और सूखे मेवों से मिठाई बनाई जाती हैं।
आरे – वारे समुद्र तट (बीच) – रत्नगिरी
महराष्ट्र के रत्नागिरी में आरे-वारे समुद्र तट (बीच) स्थित हैं आरे वारे समुद्र तट के एक ओर सह्याद्री पर्वत और दूसरी तरफ अरब सागर है इस समुद्र तट पर साफ पानी के साथ सफेद रेत भी नजर आती हैं जो पूरे महराष्ट्र के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं यह आराम करने, एकांत और शांति के साथ प्रकृति की पवित्रता का आनंद लेने के लिए सबसे उपयुक्त स्थल है 4 से 6 किलोमीटर लंबा समुद्र तट पर गणपतिपुले स्थित है यह जगह गणपति मंदिर के साथ खूबसूरत बीच के लिए भी मशहूर है।

आरे-वारे समुद्र तट से 30 किलोमीटर दूरी पर जयगढ़ किला है आरे- वारे समुद्र तट रत्नागिरी शहर से 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।कोल्हापूर से 166 किलोमीटर और मुंबई से 332 किलोमीटर दूरी पर है आरे – वारे समुद्र तट पर राष्ट्रीय महा मार्ग 66 से पहुँच जा सकता है निकटतम रेलवे स्टेशन रत्नागिरी से 19 किलोमीटर दूरी पर है आरे-वारे समुद्र तट से 10 किलोमीटर दूरी पर गणपतिपुले में MTDC का रिसॉर्ट उपलव्ध है। रत्नागिरी, मुंबई, पुणे, कोल्हापूर और सांगली जैसे शहरों से गणपतिपुले के लिए बस की सुविधा उपलव्ध हैं।
कैसे पहुचें महाराष्ट्र –
महाराष्ट्र मे पर्यटकों को आने के लिए हवाई , रेल और सड़क मार्ग तीनों सेवाए उपलब्ध है अधिक जानकारी के लिए पर्यटक www.maharashtratourism.gov.in की वेबसाईट पर visit कर सकते हैं ।
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