Natural farming प्राकृतिक खेती जो एक रसायन मुक्त उर्फ़ परम्परागत खेती है जो कि एक कृषि के विभिन्न खेती के तरीको पर आधारित एग्रीकल्चर और पर्यावरण के साथ संतुलित खेती का प्रकार माना जाता है जो फसले, पेड़ और विभिन्न जैव विविधता को सामूहिक रूप प्रदान करता है यदि आप प्राकृतिक खेती से जुडी और जानकारी लेना चाहते है तो आप पेज के अंत तक जरुर पढ़े
Natural farming :-
प्राकृतिक खेती बह्रत रूप में खेती से ही उत्पन्न जैव पदार्थ के पुनःचक्रण पर आधारित खेती है जिसमे खास रूप से बायोमास mulching को फार्म में ही उपयोग करने के साथ ही फार्म के गाय के गोबर – मूत्र के उपयोग करना , फार्म की मिटटी के समयानुसार aeration करना और सभी प्रकार के सिंथेटिक रसायन इनपुट को बाहर करना शामिल है
इंडिया में इस खेती को Bhartiya Prakritik Krishi Paddhati Programme (BPKP) के अंतर्गत केन्द्रीय चलित योजना परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) में रखा गया है BPKP का उद्देश्य परम्परागत देशी प्रैक्टिसेज को बढाना है और बाहरी इनपुट को कम करना है
Natural farming के लाभ:-
इस प्रकार की खेती के फायदे निम्न है जो इस तरह है –
- प्राकृतिक और संतुलित खाधान्न का उत्पादन करना जो एक अच्छे स्वाथ्य के लिए जरूरी है
- उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना जैसे गाय का गोवर, मूत्र , फसल के अवशेष आदि का उपयोग करना
- किसानो की सिंथेटिक खादों के ऊपर की निर्भरता को कम करना जो प्राकृतिक खेती को बढावा देगी
- खेती में लगने वाली लागत को कम करना ताकि प्रति हेक्टेयर कुल खर्च को कम किया जा सके
- किसानो के ही फार्म में उत्पन्न पदार्थो से बनी , जैविक रूप से तैयार खाद की तरह अन्य जैविक पदार्थो को बढावा देना
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नेचुरल फार्मिंग क्यों है जरूरी:-
जहा आज कृषि में बढ़ते खाद और उर्वरक के उपयोग ने मृदा के स्वाथ्य को पूरी तरह ही विगाड़ दिया है वही दूसरी तरफ उत्पादन, मृदा उर्वरकता, मृदा स्वाथ्य में भी गिरावट आयी है यदि हम प्राकृतिक खेती के प्रणाली के अनुसार चलते है और हमारे कृषि में इसे अपनाते है तो हम मृदा के विगढ़ते स्वाथ्य को तो बचा ही सकते है साथ ही इसको लम्बे समय तक सुरक्षित भी कर सकते है जो हमे एक स्वस्थ उत्पादन, स्वछ्य पर्यावरण और लम्बे समय तक चलने वाली मृदा की गुणता को बनाये रखने में कारगर सिद्द होगा
सरकारी प्रयास :- नेचुरल फार्मिंगको बढावा देने के उद्देश्य से केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्धारा 2500 करोड़ रूपये का प्रोपोजल तैयार किया जा रहा है जिसे कैबिनेट द्धारा जल्द ही मंजूरी मिल सकती है
देश में प्राकृतिक खेती को बढावा देने के लिए केंद्र सरकार किसानो के लिए बड़ा प्लान बना रही है जिसमे अभी तक नेचुरल फार्मिंग में किसानो को मिलने वाली आर्थिक सहायता को दोगुना से भी अधिक करने की तैयारी भी हो रही है
सरकार की योजनाओ के मुतावित् सरकार किसानो को आने वाले 4 साल में नेचुरल फार्मिंग में प्रति हेक्टेयर 32500 रूपये तक की आर्थिक सहायता दे सकती है अभी तक देश में नेचुरल फार्मिंग कुल एरिया 4.09 लाख हेक्टेयर है जहा पर यह फार्मिंग अभी हो रही है
अभी नेचुरल फार्मिंग में मिलने वाली राशि सरकार द्धारा 12,200 रूपये प्रति हेक्टेयर मिल रही है जो अब किसानो को प्राकृतिक खेती करने पर प्रति हेक्टेयर 32,500 रूपये देने की तयारी हो रही है
जानकारी के अनुसार कृषि मंत्रालय ने 2500 करोड़ रूपये का एक प्रपोजल बनाया है जो मन्जुरी के लिए कैविनेट में भेजा जायेगा और सरकार इस फार्मिंग के एरिया को वर्ष 2026 तक 6 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य बना चुकी है
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