Custom Hiring Center Scheme :- हम आपको बता दे कि खेती को लाभ का सौदा बनाने के उद्देश्य से और किसानों को कृषि के आवश्यक उपकरण, मशीन एवम् यंत्र उपलब्ध कराने के लिए हर राज्य सरकार द्धारा कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किए जा रहे है । हर राज्य सरकार Custom Hiring Center Scheme को अपने स्तर पर बढ़ावा देने के साथ साथ 10 लाख तक का अनुदान भी किसानों को दे रही है ।
Custom Hiring Center Scheme का फायदा उठाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा समय पर आवेदन कराएं जाते है जिसकी प्रकिया और योजना संबंधित अन्य जानकारी नीचे दी गई है, यदि आप इस स्कीम से जुड़ी पूरी जानकारी जो मध्य प्रदेश सरकार के Custom Hiring Center Scheme स्थापित करने के लिए आवश्यक है , जानना चाहते है तो पूरी पोस्ट को अवश्य पड़े।
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उद्देश्य एवं विस्तृत वर्णन :-
कृषको को कृषि फसलो के लिए किराये पर ट्रेक्टर एवं आवश्यक यंत्र उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र योजना (Custom Hiring Center Scheme) की शुरुवात की गयी है। इस के तहत इच्छुक आवेदक बैंक ऋण आधार पर कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित कर इसकी सेवा को किसानो तक उपलब्ध कराता है । इस योजना में आवेदन ऑन-लाइन तरीके से संचनालय कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल WWW.chc.mpdage.org के माध्यम से आमंत्रित किये जाते है। ये कस्टम हायरिंग केंद्र प्रदेश के हर जिले में खोला जाते है ।
प्रत्येक कस्टम हायरिंग केंद्र हेतु आवश्यक ट्रेक्टर एवं कृषि यंत्रो से सम्बंधित कृषि मशीनों के क्रय की लागत पर आवेदको (सामान्य , अनुसुचित जाति एवं अनुसुचित जन जाति) को 40% अधिकतम रूपये 10 लाख तक का क्रेडिट लिंक्ड बैक एंडेड (Credit Linked Back Ended) अनुदान दिया जायेगा। अनुदान की गणना सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर mechanization योजना में प्रत्येक यंत्र हेतु दिए गये प्रावधानुसार अधिकतम सीमा तक की जाएगी। इसके साथ ही हितग्राही भारत सरकार के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड (ए. आई. एफ.) अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के भी पात्र होंगे ।
प्रत्येक जिले में कुछ कस्टम हायरिंग केंद्र योजना (Custom Hiring Center Scheme) के लक्ष्यों के साथ कुल लक्ष्यों की संख्या हर बार सरकार द्धारा निश्चित की जाती है जो सामान्य , अनुसुचित जाति एवं अनुसुचित जन जाति में विभाजित रहती है । ये लक्ष्य संचालक कृषि अभियांत्रिकी के माध्यम से घटाए और बढाए जा सकते है ।
प्रत्येक आवेदक को आवेदन हेतु धरोहर राशि बैंक ड्राफ्ट के रूप में जमा करनी होती है जो सामान्य वर्ग के आवेदको को रूपये 10000/- एवं अनुसुचित जाति / अनुसुचित जन जाति/ महिला आवेदको को रूपये 5000/- का बैंक ड्राफ्ट होता है ऑनलाइन आवेदन के साथ बैंक ड्राफ्ट की स्केन प्रति अपलोड की जाती है जिसकी मूल प्रति को सत्यापन के समय सम्बंधित कार्यालय में जमा करना होता है।
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आवश्यक दस्तावेज :-
दस्तावेज की सूचि निम्न है जो सत्यापन के दौरान प्रस्तुत किया जाना होगा –
- फोटो पहचान पत्र
- आधार कार्ड
- सक्षम अधिकारी द्धारा जारी जन्म प्रमाण पत्र अथवा हाई स्कूल अंकसूची
- जाति प्रमाण पत्र (केवल अनुसुचित जाति / अनुसुचित जन जाति के आवेदको के लिए)
- निवास प्रमाण पत्र (मतदाता परिचय पत्र अथवा आधार कार्ड) अथवा ऋण पुस्तिका
- 12 वी उत्तीर्ण अंकसूची
- बैंक ड्राफ्ट
जो कृषि स्थानक है वो भी अपनी कृषि, कृषि अभियांत्रिकी तथा उधानिकी की डिग्री साथ में अवश्य लाये।
आवेदन की प्रकिया – यह प्रकिया इस प्रकार है –
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- कस्टम हायरिंग योजनान्तर्गत आवेदन ऑन-लाइन तरीके से संचनालय कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल WWW.chc.mpdage.org के माध्यम से आमंत्रित किये जाते है।
- आवेदन की तारीख एवं कुल केद्रो की संख्या का निर्धारण संचनालय कृषि अभियांत्रिकी के माध्यम से किया जाता है।
- आवेदन जिलेबार भरे जाते है, जिसमे आवेदक का चयन लाटरी पध्दति के अनुसार किया जाता है। जिसकी लिस्ट संचनालय कृषि अभियांत्रिकी के पोर्टल WWW.chc.mpdage.org पर दिए गए समय पर देखि जा सकती है ।
- योजनान्तर्गत एक ग्राम एवं परिवार में केवल एक ही कस्टम हायरिंग केंद्र दिए जाने का प्रावधान है। जिन गावो में स्थापित हो चुके है ,वहा के लिए आवेदन प्रस्तुत न किये जाये।
- अभिलेखों का सत्यापन आवेदक द्धारा आवेदित जिले से सबंधित कृषि यंत्री कार्यालय में निर्धारित समय में किया जाता है। सत्यापन के दौरान आवेदक को ऑनलाइन आवेदन के साथ प्रस्तुत किये गये मूल अभिलेखों को प्रस्तुत किया जाना होगा। अभिलेख प्रस्तुत न किये जाने की स्थिति में आवेदन निरस्त किया जा सकता है।
- योजना के अंतर्गत उपयुक्त पाए गये आवेदको की धरोहर राशि केंद्र स्थापित होने पर भौतिक सत्यापन उपरांत लौटाई जा सकेगी, किन्तु यदि आवेदक केंद्र स्थापित करने में रूचि नहीं लेता है अथवा केंद्र स्थापित करने में असफल रहता है तो धरोहर राशि शासन द्धारा राजसात कर ली जाएगी।
- जिले हेतु उपयुक्त पाए गये आवेदक की प्राथमिकता सूचियों का निर्धारण सम्बंधित संभाग के कृषि यंत्री /कार्यपालन यंत्री कार्यालय में निर्धारित दिनांक को किया जायेगा जो की लाटरी के आधार पर किया जायेगा ।
- प्रत्येक जिले हेतु प्राप्त श्रेणीवार (कृषि संकाय स्नातक, सामान्य , अनुसुचित जाति तथा अनुसुचित जनजाति) आवेदनों में से श्रेणीवार प्राथमिकता सूचिया तैयार की जाएगी योजना के प्रावधान के अनुसार मान्यता प्राप्त कृषि विश्वविधालय से कृषि, उधानिकी तथा कृषि अभियांत्रिकी के स्नातको को केंद्र स्थापना हेतु निर्धारित लक्ष्यों के कुछ प्रतिशत के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
- लाटरी से चयनित आवेदको को कृषि यंत्री / कार्यपालन यंत्री के संभागीय मुख्यालय पर प्रोजेक्ट निर्धारण सम्बन्धी एक दिवसीय मार्गदर्शी शिविर का आयोजन किया जाता है।
लाटरी से चयनित आवेदको को सी. ए. ध्दारा बनायीं गयी प्रोजेक्ट रिपोर्ट को कृषि यंत्री / कार्यपालन यंत्री कार्यालय में मार्गदर्शी शिविर के आगामी कुछ दिनों में प्रस्तुत करना होता है । इसके उपरांत कृषि यंत्री / कार्यपालन यंत्री द्धारा उपयुक्त पाए गये प्रोजेक्टों को भारत सरकार के एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड के अंतर्गत अपने मार्गदर्शन में आवेदको से आवेदन कराया जाता है ।
एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड के अंतर्गत हितग्राही को 3% का ब्याज अनुदान तथा भारत सरकार द्धारा प्रोजेक्ट की कोलेटरल गारंटी दी जाती है। यह दोनों सहायता कस्टम हायरिंग योजनान्तर्गत मिलने वाले 40% अनुदान के अतिरिक्त होती है। भारत सरकार द्धारा स्वीकृति प्राप्त होने पर ही सम्बंधित बैंक अंतर्गत कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी ।
यदि भारत सरकार द्धारा एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान नहीं की जाती है तो आवेदक को केवल कस्टम हायरिंग योजनान्तर्गत मिलने वाले 40% अनुदान ही प्राप्त होगा ।
ऐसे आवेदकों के प्रकरण कृषि यंत्री /कार्यपालन यंत्री द्धारा सीधे सम्बंधित बैंक को अग्रेसित किये जायेंगे। आवेदक बैंक से ऋण स्वीकृति एवं मार्जिन मनी जमा होने की सूचना कार्यालय द्धारा प्रोजेक्ट भेजने /भारत सरकार की स्वीकृति प्राप्त होने की तिथि के एक माह के अंदर कृषि यंत्री /कार्यपालन यंत्री कार्यालय में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगी।
- निर्धारित समय अवधि में प्रकरण की सूचना बैंक से प्राप्त न होने की स्थिति में प्रकरण निरस्त किया जा सकेगा। बैंक में मार्जिन मनी जमा होने के उपरांत हितग्राही को शासकीय व्यय पर प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। प्रशिक्षण उपरांत आवेदको द्धारा केंद्र की स्थापना किये जाने पर भौतिक सत्यापन की कार्यवाही सम्पादित की जाएगी तथा सत्यापन में उपयुक्त पाए गये प्रकरणों में बैंक को “क्रेडिट लिंक्ड बैक एंडेड सब्सिडी (CREDIT LINKED BACK ENDED SUBSIDY )” के रूप में शासन अनुदान का भुगतान किया जायेगा।
पात्रता एवं शर्ते :-
जो कि इस प्रकार है –
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- योजनान्तर्गत हितग्राही को स्वयं के गाँव में कृषि कार्यो हेतु कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने हेतु अनुदान दिया जाता है जिसके द्धारा कृषको को किराये पर मशीनों एवं यंत्र उपलब्ध कराकर सेवाये दी जानी होगी ।
- प्रत्येक केंद्र हेतु आवश्यक ट्रेक्टर एवं कृषि यंत्रो से सम्बन्धित मशीनों की क्रय लागत पर आवेदको (सामान्य , अनुसुचित जाति एवं अनुसुचित जन जाति ) को 40 % अधिकतम रूपये 10 लाख तक का “क्रेडिट लिंक्ड बैक एंडेड (CREDIT LINKED BACK ENDED )” अनुदान दिया जायेगा। अनुदान की गणना सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर mechanization योजना में प्रत्येक यंत्र हेतु दिए गये प्रावधानुसार अधिकतम सीमा तक की जाएगी।
- कस्टम हायरिंग केंद्र न्यूनतम रूपये 10 लाख तथा अधिकतम रूपये 25 लाख तक की लागत का स्थापित किया जा सकेगा।
- बैंक ऋण के आधार पर केंद्र स्थापित किये जाने पर ही अनुदान की पात्रता होगी ।
- अनुदान का भुगतान ऋण स्वीकृत करने वाले बैंक को किया जायेगा जो बैंक ऋण की पूर्ण अदायगी किये जाने के उपरांत हितग्राही के खाते में समायोजित होगा ।
- योजनान्तर्गत आवेदको की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष एवं अधिकतम 40 वर्ष होना चाहिए।
- आवेदक न्यूनतम 12 वी उत्तीर्ण होना आवश्यक है ।
- पूर्व से शासकीय अथवा अर्धशासकीय सेवाओ अथवा अन्य शासकीय योजना से लाभप्रद आवेदक इस योजना के अंतर्गत पात्र नही होंगे।
- व्यक्तिगत आवेदक की स्थिति में जिस ग्राम में केंद्र स्थापित किया जाना है आवेदक को उस ग्राम का मतदाता होना अथवा उस ग्राम में स्वयं या माता पिता के नाम से भूमि होने पर ही सम्बंधित ग्राम में केंद्र के आवेदन हेतु पात्रता होगी।
- आवेदक जिस जिले के अंतर्गत केंद्र स्थापित करना है उसी जिले से फॉर्म भरना अनिवार्य होगा।
- आवेदक जिस जिले के अंतर्गत केंद्र स्थापित करना है उसी जिले के बैंक शाखा से ही अपना प्रकरण स्वीकृत कराना होगा ।
- “क्रेडिट लिंक्ड बैक एंडेड सब्सिडी (CREDIT LINKED BACK ENDED SUBSIDY )” की राशि पर बैंक द्धारा हितग्राही से कोई ब्याज नहीं लिया जायेगा । ऋण राशि अदा करने में असफल होने की स्थिति में हितग्राही को अनुदान का लाभ प्राप्त नहीं होगा और बैंक की ऋण राशि, जिसमे अनुदान राशि एवं देय ब्याज सम्मिलित होगा, वापस चुकानी होगी।
- स्वीकृत ऋण की वसूली अधिकतम 9 वर्ष में की जाएगी तथा ऋण स्थगन अवधि (Meratorium Period) अधिकतम 6 माह रहेगी ।
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- स्वीकृत किये गये ऋण को 4 वर्ष की अवधि (Lock-in Period) के पूर्व पूर्णरूप से लोटाया नहीं जा सकेगा। ऐसा करने पर अनुदान की पात्रता नहीं रहेगी।
- योजना के तहत क्रय की गयी मशीनों/ यंत्रो आदि को ऋण प्रदाय किये गये बैंक के अतिरिक्त अन्य किसी व्यक्ति/ संस्था को हितग्राही द्धारा ऋण अवधि तक विक्रय /रेहन (Mortgage) अथवा हस्तांतरित नहीं किया जा सकेगा।
- हितग्राही को अनुदान राशि केवल मशीनों /यंत्रो की लागत के आधार पर देय होगी ।
- एक इकाई में रखी जाने वाली आवश्यक सामग्री निम्नानुसार होगी :- अनिवार्य रूप से रखे जाने वाले कृषि यंत्र- 1) एक ट्रेक्टर, 2) एक प्लाऊ, 3) एक रोटावेटर, 4) एक कल्टीवेटर अथवा एक डिस्क हेरो, 5) एक सीड कम फ़र्टिलाइज़र ड्रिल अथवा जीरो टिल सीड कम फ़र्टिलाइज़र ड्रिल, 6)एक ट्रेक्टर चलित थ्रेशर अथवा स्ट्रा रीपर , 7) एक रेज्ड बेड प्लान्टर अथवा राइस ट्रांस्प्लान्टर। इसके अतिरिक्त प्रोजेक्ट की लागत सीमा के अंदर आवेदक कुछ एक्छिक यंत्रो को भी विभाग सूचि में से देखकर क्रय कर सकता है।
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- प्रोजेक्ट अंतर्गत यंत्रो का क्रय संचनालय कृषि अभियांत्रिकी में पंजीकृत निर्माताओ के पोर्टल पर उनके पंजीकृत अधिकृत विक्रेता तथा सामगी से किया जा सकेगा। राज्य स्तरीय पंजीयन समिति में पंजीकृत निर्माताओ की सूचि तथा अन्य विवरण कृषि अभियांत्रिकी संचनालय की वेबसाइट dbt.mpdege.org पर उपलब्ध है।
- केंद्र द्धारा सिर्फ कृषि सम्बंधित कार्य ही किया जा सकेगा एवं वर्षाकाल में अकृषि कार्य भी किया जा सकेगा।
- भारत सरकार द्धारा कृषको को ऑनलाइन कृषि यन्त्र किराए से प्राप्त करने की सुबिधा उपलब्ध कराने की दृष्टी से “FARMS App” प्रारंभ किया गया है। सभी हितग्राही को इसमें पंजीयन करना अनिवार्य होगा ।
- कस्टम हायरिंग केंद्र अंतर्गत प्रदाय की गयी मशीनों/ यंत्रो को सहो हालत में आवेदक द्धारा रखा जाना होगा तथा किये गये कार्यो का विवरण कस्टम हायरिंग केंद्र द्धारा एक पंजी में संधारित करके रखा जाना होगा।
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