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Diwali 2025 Date: दिवाली 2025 कब है? लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त एवं पौराणिक कथा

Diwali 2025 Date : दिवाली का त्योहार पाँच दिन तक मनाया जाने वाला त्योहारों में से एक है जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक मनाया जाता है। आइए जानते है साल 2025 में दिवाली कब है? लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त एवं पौराणिक कथा के बारें में...

Samay Satta Samay Satta
जबलपुर, 
Diwali 2025 Date: दिवाली 2025 कब है?  लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त एवं पौराणिक कथा
Diwali 2025 Date : दिवाली 2025 कब है? लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त एवं पौराणिक कथा

Diwali 2025 Date: हिन्दू धर्म में दिवाली का एक विशेष महत्व है जो कि हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को बड़े धूम धाम से मनाई जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।  दिवाली का त्योहार पाँच दिन तक मनाया जाने वाला त्योहारों में से एक है जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक मनाया जाता है। आइए जानते है साल 2025 में दिवाली कब है? लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त एवं पौराणिक कथा के बारें में...

2025 में दिवाली कब है? (Diwali 2025 Date in India )

दिवाली प्रतिवर्ष कार्तिक माह की अमावस्या को मनाई जाती है साल 2025 में दिवाली 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी। क्योंकि 20 अक्टूबर को ही कार्तिक अमावस्या (Kartik amavasya) है। 

दिवाली कैलेंडर 2025 (Diwali 2025 Date in India Calendar)

धनतेरस 17 अक्टूबर 2025
नरक चतुर्दशी 18 अक्टूबर 2025
दिवाली 20 अक्टूबर 2025
कार्तिक अमावस्या 21 अक्टूबर 2025
गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर 2025
भाई दूज 23 अक्टूबर 2025

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali Laxmi Pujan Muhurt 2025)

हिन्दू पंचाग के मुताबिक,  कार्तिक अमावस्या 20 अक्टूबर 2025, सोमवार के दोपहर 03 बजकर 44 मिनट से 21 अक्टूबर की  शाम 05 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी। 

  • लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त काल - 20 अक्टूबर 2025, सोमवार रात 07 बजकर 08 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट के बीच। 
  • दिवाली के दिन प्रदोष काल - 20 अक्टूबर 2025, सोमवार शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक। 
  • दिवाली के दिन वृषभ काल - 20 अक्टूबर 2025, सोमवार रात 07 बजकर 08 मिनट से रात 09 बजकर 03 मिनट तक। 
  • दिवाली के दिन निशिता काल - 20 अक्टूबर 2025, सोमवार रात 11 बजकर 41 मिनट से 21 अक्टूबर प्रातः 12 बजकर 31 मिनट तक। 

दिवाली पौराणिक कथा 

हिन्दू धर्म में मान्यता है कि, कार्तिक माह की अमावस्या के दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के वनवास के बाद वापस अयोध्या आए थे इसी के उपलक्ष्य में अयोध्या वासी ने भगवान श्री राम का दीपक जलाकर भव्य स्वागत किया था। जब से ही प्रतिवर्ष कार्तिक माह की अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी मान्यता के आधार पर है अमल से पहले संबंधित विशेषज्ञों से सलाह अवश्य लेवें 

 


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