कोवैक्सीन को लेकर आई रिसर्च रिपोर्ट, जानिये कितना है खतरा
शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया कि 635 किशोर में से करीब 48 फीसदी यानी 304 किशोरों में वायरल अपर रेस्पेरेट्री ट्रैक इंफेक्शंस देखा गया। वहीं युवाओ में भी यही स्थिति देखने को मिली 291 युवाओं में करीब 42.6 फीसदी यानी 124 युवाओं में भी वायरल अपर रेस्पेरेट्री ट्रैक इंफेक्शंस देखा गया।
कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स पर उठे सवालों के बाद अब भारत बायोटेक कंपनी की कोवैक्सीन को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
हाल ही में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के द्वारा की गई रिसर्च जिसे स्प्रिंगर लिंक जर्नल में प्रकाशित किया हैं इस रिसर्च के मुताबिक कोवैक्सीन लगवाने वाले करीब एक तिहाई लोगों में कोवैक्सीन से अलग- अलग तरह के कुछ के साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं।
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स्टडी में शोधकर्ताओं ने 1024 लोगों को किया शामिल
कोवैक्सीन को लेकर हुई इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने कोवैक्सीन लगवाने वाले 1024 लोगों को शामिल किया गया था। जिसमें 635 किशोर एवं 291 युवा शामिल थे। शोधकर्ताओं ने इन सभी लोगों से वैक्सीन लगने के एक साल बाद तक फॉलोअप व चेकअप के लिए संपर्क किया।
जिसमें शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया कि 635 किशोर में से करीब 48 फीसदी यानी 304 किशोरों में वायरल अपर रेस्पेरेट्री ट्रैक इंफेक्शंस देखा गया। वहीं युवाओ में भी यही स्थिति देखने को मिली 291 युवाओं में करीब 42.6 फीसदी यानी 124 युवाओं में भी वायरल अपर रेस्पेरेट्री ट्रैक इंफेक्शंस देखा गया। जबकि 4.7 फीसदी किशोरों में कोवैक्सीन लगवाने की वजह से नसों से जुडी दिक्कतें देखी गई। वहीं 5.8 फीसदी युवाओं में टीके की वजह से नसों और जोड़ों में दर्द की समस्या आई है।
कोवैक्सीन का महिलाओं में साइड इफेक्ट
वहीं रिपोर्ट में महिलाओं पर हुए साइड इफेक्ट की बात करें तो कोवैक्सीन लगवाने वाली करीब 4.6 फीसदी महिलाओं में महावारी से जुड़ी परेशानियां हुई, साथ ही 2.7 प्रतिशत महिलाओं पर आंखों से जुड़ी दिक्कतें देखी है। 0.6 प्रतिशत महिलाओं में हाइपोथारोइडिज्म पाया गया। जबकि कोवैक्सीन लगवाने वाले एक फीसदी लोगों में गंभीर साइड इफेक्ट्स देखा गया है।
बायोटेक की ओर से आई प्रतिक्रिया
शोधकर्ताओं की रिपोर्ट खबरों में आने के बाद कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक की ओर से भी प्रतिक्रिया दी गई है। जिसमें भारत बायोटेक ने कहा कि कोवैक्सीन पर पहले भी कई स्टडी और रिसर्च की गई हैं जिनमें कोवैक्सीन के एकदम सुरक्षित होने का प्रमाण मिला है। कंपनी ने कहा कि कोवैक्सीन का सेफ्टी ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है।
कोविशील्ड ने भी मानी थी साइड इफेक्ट्स की बात
बता दे कि, कुछ दिनों पहले कोविशील्ड बनाने वाली कम्पनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की एक कोर्ट में माना था कि उसके कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जिससे हार्ट अटैक का खतरा होता हैं जिसके बाद भारत में कोविशील्ड की सेफ्टी रिकार्ड कई सवाल उठ रहें हैं
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यह लेख एडमिन द्वारा पोस्ट किया गया है, इस ब्लॉग में सामग्री पूरी तरह से विश्वसनीय है। प्रोफ़ाइल