रेड हैंड डे पर लाल हांथ कर दस्तक बाल समूह ने की शांति सुरक्षा की अपील
दुनिया भर में होने वाले संघर्ष और सभी तरह की हिंसा में बच्चों के दुरुपयोग और शोषण को रोकने के लिए ग्राम कोंतर, नानीपुरा और सलैया राय गांव में दस्तक बाल समूह से जुड़े बच्चों ने बैठक और रैली के माध्यम से आवाज उठाई
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- बच्चों के हांथ में बंदूक नहीं किताब और खिलौने दीजिए
- रेड हैंड डे पर लाल हांथ कर दस्तक बाल समूह ने की शांति सुरक्षा की अपील
गुना /बमोरी 12 फरवरी । दुनिया भर में होने वाले संघर्ष और सभी तरह की हिंसा में बच्चों के दुरुपयोग और शोषण को रोकने के लिए ग्राम कोंतर, नानीपुरा और सलैया राय गांव में दस्तक बाल समूह से जुड़े बच्चों ने बैठक और रैली के माध्यम से आवाज उठाई . इस मौके पर बच्चों के सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण से सम्बन्धित अधिकारों पर भी चर्चा हुई ।
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गौर तलब है कि युद्ध में प्रभावित होने वाले दुनिया भर के बच्चों की सुरक्षा को लेकर बाल अधिकार संस्थाओं द्वारा 12 फरवरी को रेड हैंड डे के रूप में मनाया जाता है इसी संदर्भ में संस्था विकास संवाद से जुड़े दस्तक बाल व युवा किशोरी समूह के सदस्यों ने सांकेतिक रूप से खून में सने लाल हांथ दिखाते हुए बच्चों की हिंसा और शोषण से सुरक्षा के लिए रैली निकाली और नारे बुलन्द किए
बंदूक नहीं किताब और खिलौने चाहिए । बच्चों को हिंसा से सुरक्षा चाहिए ऐसे नारों के साथ बच्चों ने अपने गांव घर में बच्चों के साथ होने वाले बाल हिंसा को भी रोकने की चर्चा की इस मौके पर विकास मित्र कृपाल सिंह ने कहा कि टीबी में हम आए दिन एक देश द्वारा दूसरे देश पर हमला करने की खबर देख रहे हैं जिनमे बच्चों के स्कूल, खेल घर पार्क टूट जाते हैं और दोस्तों, परिवारों पर होने वाले हमले के बीच मासूम बचपन संकट में दिखाई देता है.
इसी तरह भारत देश में भी मोबाइल पर हिंसक गेम और फिल्म से बच्चों हिंसक व्यवहार अपनाने लगे हैं. इस मौके पर युवाओं व बच्चों से चर्चा करते हुए मंगेश सोनी ने कहा कि बड़े युद्ध और छोटे झगड़ों में अक्सर बच्चों के दोस्त और स्कूल छूट जाते हैं जिससे बच्चों के मन में एक दूसरे के खिलाफ हिंसा और असुरक्षा की भावना बढ़ने लगती है. इन सब मामलों को समझने और बच्चों के अधिकारों के लिए खड़े होने का अवसर है रेड हैंड डे जिसे पूरी दुनिया में बच्चों के हक में शांति सुरक्षा की अपील करते हुए मनाया गया है।
इस आयोजन में विकास संवाद के कार्यकर्ता मंगेश सोनी, कृपाल सिंह लोधा, विकास पटेलिया, ललित लोधा सहित स्थानीय आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ता व युवाओं ने सक्रिय भूमिका निभाई । (गुना से अरविन्द गौड़ की रिपोर्ट)
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खाते की भूमिका
यह लेख एडमिन द्वारा पोस्ट किया गया है, इस ब्लॉग में सामग्री पूरी तरह से विश्वसनीय है। प्रोफ़ाइल