Dollar vs INR: डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के गिरावट का जिम्मेदार कौन?
बीते कुछ वर्षों से डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की वैल्यू में लगातार गिरावट को विशेषज्ञों ने डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में हो रही गिरावट की मुख्य वजह को अंतरराष्टीय अस्थिरता बताया है
Dollar vs INR: बीते कुछ वर्षों से डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की वैल्यू में लगातार गिरावट जारी है। जिसे कई विशेषज्ञों ने डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में हो रही गिरावट की मुख्य वजह को अंतरराष्टीय अस्थिरता बताया है जो कि काफी हद तक तो ठीक भी है,जैसे कच्चे तेलों की कीमतों में वृद्धि, विदेशी पूंजी का भारतीय बाजार से निकलना, विदेशी बैंकों में डॉलर की मांग,अमेरिका का ब्याज दर बढ़ाने की घोषणा, निवेशकों का बाजार विश्वास की कमी।
आप के लिए चुनी गई खबरें
यह कुछ और खबर भी हमने आपके लिए चुनी है आप इन्हे भी पढ़ें
- Gold Price: क्यों बढ़ता ही जा रहा सोने का दाम , जानिये अ...
- Stock Market में फिर गिरावट, BSE सेंसेक्स 81,820.12 अंक...
- Trading News Today : 10 अक्टूबर से नहीं कर सकेंगे IDFC ...
- Jabalpur News: बदमाशों के हौसले बुलंद, बीच सड़क पर दी युवक की हत्या
- MP Guna News: बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम हेतु जागरूकता रैली का किया गया आयोजन
- सुझाव: निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए सहायता करें क्लिक
लेकिन इन सभी कारकों के अलावा रुपये की वैल्यू में हो रही लगातार गिरावट के कुछ घरेलू कारक भी है जिसे विशेषज्ञ समझते तो है लेकिन इस पर टिप्पणी करने से बचते रहे है।
इन घरेलू कारक में मुख्य कारक है- जैसे भारत का लगातार बढ़ता व्यापार घाटा, भारतीय राजनीति में उथल- पुथल, भारत में बढ़ता विदेशी कर्ज, भारत की जीडीपी का अधिकांश हिस्सा विदेशी कर्ज के ब्याज में चुकाने में खर्च आदि।
इन सब कारकों के होते हुये भी भारतीय अर्थशास्त्र विशेषज्ञाओं को रुपये की वैल्यू में गिरावट का मुख्य कारक केवल अंतरराष्टीय अस्थिरता ही समझ आता है वह घरेलू कारकों में टिप्पणी करने से बचते है ताकि सरकार उनके खिलाफ कार्यवाही न करें।
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का कमजोर होने का एक कारक अंतरराष्टीय अस्थिरता हो सकता है लेकिन यह भी समझना होगा कि केवल अंतरराष्टीय अस्थिरता ही डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का कमजोर का मुख्य कारक नहीं हो सकता है।
ऐसे कई अन्य कारक भी हो सकते है जिसकी वजह से डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का लगातार गिरावट जारी है। अंतरराष्टीय अस्थिरता केवल एक देश भारत के लिए ही लागू नहीं होता बल्कि दुनिया के सभी देशों के लिए भी लागू होता है।
ऐसे में भारतीय रुपये का अन्य देशों की मुद्रा के मुकाबले डॉलर में ज्यादा कमजोर होना। जो कि यह संकेत देता है कि डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का कमजोर होने के लिए बस कारक जिम्मेदार नहीं है बल्कि देश के अन्य घरेलू कारक भी जिम्मेदार है जो मुद्रा को कमजोर करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे है।
दुनिया के ऐसे कई देश है जो आज भी पूरी तरह दूसरे देशों के आयात पर निर्भर है लेकिन उन देशों की मुद्रा भी डॉलर के मुकाबले उतनी कमजोर नहीं हुई है जितनी कि भारतीय मुद्रा कमजोर हो रही है।
बीते 10 सालों में सरकार महंगाई और रोजगार के मुद्दे को छोड़कर धर्म की राजनीति की केंद्रीकर्त हुई है। जिसकी वजह से लोगों के अंदर एक दूसरे के प्रति नफरत पनपना शुरू हो गया है देश के कई हिस्सों में धर्म और जाति के झगड़े से आगजनी की घटना सामने आ रही है। विदेशी निवेशकों को निवेश के लिए मनाने के लिए सरकार फेल हो चुकी है।
सरकार देश के एक दो उद्योगपति को फायदा पहुंचाने के लिए देश की आर्थिक नीतियों की अवहेलना कर रही है। इन सब वजह से भारतीय शेयर बाजार या डॉलर के मुकाबले रुपये के वैल्यू कम होती है तो सरकार इस अंतरराष्टीय अस्थिरता करार देती है ताकि फिर वह धर्म के नाम से लोगों को मूर्ख बना सकें
सरकार का आर्थिक नीतियों में नीतिगत फैसले न लेने की वजह से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से अपना निवेश निकाल कर दूसरे देश में निवेश कर रहें है। जिसकी कारण बीते कुछ दिनों से भारतीय शेयर बाजार के निफ्टी एवं सेंसेक्स में भी लगातार गिरावट दर्ज हो रही है।
लेकिन इसे भी सरकार अंतरराष्टीय पहलू मानकर नीतिगत फैसले लेने से डर रही है। ताकि वह अपने उद्योगपति साथियों को बड़ा नुकसान से बचा सकें । यदि सरकार का आर्थिक नीतियों में रवैया ऐसा ही बना रहा तो अनुमान है कि आने वाले कुछ वर्षों में इसका खामियाजा देश की आम नागरिकों को उठना पड़ेगा।
Samay Satta Subscriber
This user has systemically earned a pro badge on samaysatta.com, indicating their consistent dedication to publishing content regularly. The pro badge signifies their commitment and expertise in creating valuable content for the samaysatta.com community.
अस्वीकरण!
खाते की भूमिका
यह लेख एडमिन द्वारा पोस्ट किया गया है, इस ब्लॉग में सामग्री पूरी तरह से विश्वसनीय है। प्रोफ़ाइल