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Diwali 2024 Date: साल 2024 में दिवाली कब है? लक्ष्मी पूजा का शुभ-मुहूर्त एव दिवाली की पौराणिक कथा

Diwali 2024 Date: दिवाली या दीपावली हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो कि पाँच दिनों तक मनाई जाती है आइए जानते है साल 2024 में दिवाली किस दिन है या दिवाली कब है? [Diwali 2024 Kab Hain] साथ लक्ष्मी पूजा का शुभ-मुहूर्त एव पौराणिक कथा के बारें..

Samay Satta Samay Satta
जबलपुर, 
Diwali 2024 Date: साल 2024 में दिवाली कब है? लक्ष्मी पूजा का शुभ-मुहूर्त एव दिवाली की पौराणिक कथा
Diwali 2024 Date: साल 2024 में दिवाली कब है? लक्ष्मी पूजा का शुभ-मुहूर्त एव दिवाली की पौराणिक कथा

Diwali 2024 Date : दीपवाली जिसे दिवाली के नाम से भी जाना जाता है हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है यह हर साल कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की अमावस्‍या को मनाया जाता है। दिवली को पाँच दिनों तक बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है जिसकी  धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन और भाई दूज का त्योहार शामिल होता है आइए जानते है साल 2024 में दिवाली किस दिन है या दिवाली कब है साथ दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा का शुभ-मुहूर्त एव दिवाली के पीछे की पौराणिक कथा के बारें..

2024 में दिवाली कब है?  [Diwali 2024 Kab Hain]

हर साल दिवाली कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की अमावस्‍या को मनाई जाती है। इस साल अमावस्‍या  1 नवंबर को है इस लिए इस साल दिवाली का 1 नवंबर 2024, शुक्रवार को मनाई जाएगी। 

धनतेरस 30 अक्टूबर 2024
छोटी दीवाली 31 अक्टूबर 2024
दीवाली 1 नवंबर 2024
गोवर्धन 2 नवंबर 2024
भाई दूज 3 नवंबर 2024

लक्ष्मी पूजा का शुभ-मुहूर्त

हिन्दू पंचाग के मुताबिक कार्तिक अमावस्या की तिथि 31 अक्टूबर 2024 की दोपहर 03 बजकर 52 मिनट से अगले दिन 1 नवंबर 2024 को शाम 06 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। 

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त-  1 नवंबर 2024 दिन शुक्रवार शाम 5 बजकर 37 मिनट से शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। 
कार्तिक अमावस्या प्रदोष काल-   1 नवंबर 2024 दिन शुक्रवार शाम 5 बजकर 37 मिनट से रात 8 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। 
कार्तिक अमावस्या वृषभ काल - 1 नवंबर 2024 दिन शुक्रवार शाम 6 बजकर 20 मिनट से शाम 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। (लक्ष्मी पूजा मुहूर्त स्थिर लग्न के बिना)

दिवाली की पौराणिक कथा

दिवाली के त्यौहार को खुशी का त्यौहार के रूप में मनाया जाता है  पौराणिक कथा में वर्णित है कि इस दिन मर्यादा पुरस्तम भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस लौटे थे। जिसकी खुशी में आयोध्या वासी ने अपने घरों दीपक जला कर खुशी मनाई थी जब से दीपवाली या दिवाली का त्यौहार मनाने की परंपरा शुरू हुई। 

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