Damoh News: 108 पर फोन लगाने के बाद भी नहीं मिली एंबुलेंस, महिला ने तोड़ा दम
दमोह में एक महिला ने एंबुलेंस के अभाव में तोड़ा दम, करोड़ों के बजट की स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रश्न चिन्ह
जब किसी की तबीयत खराब होती है तो हम 108 पर फोन लगाकर एंबुलेंस को बुलाते है लेकिन क्या हो, जब 108 पर फोन मिलने के बाद भी एंबुलेंस न आये । ये सवाल प्रशासन से करना जरूर है क्योंकि आज जो नेता बड़े- बड़े मंच से अपने भाषण में स्वास्थ्य सुविधाओं लेकर बड़ी-बड़ी बात करते है वो इन सवालों के घेरे में है। क्योंकि आज भी हर रोज मध्यप्रदेश में एंबुलेंस के अभाव में कई मरीज दम तोड़ रहें है।
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ताजा मामला दमोह का है जहां एंबुलेंस के अभाव में आज एक बेटा ने अपनी माँ को खो दिया। बताया जा रहा है कि मंगलवार रात सिविल वार्ड में रहने वाली हेमलता सोनी (उम्र 46) की तबीयत खराब होने से उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तबीयत ज्यादा खराब थी तो उन्हे आइसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन लगातार उनकी हालत बिगड़ती गई जिसके बाद डॉक्टरों के द्वारा महिला को जबलपुर अस्पताल रेफर के लिए कहा गया ।
एंबुलेंस के अभाव में महिला ने तोड़ा दम
जिस पर महिला के बेटा हर्ष सोनी ने 108 पर फोन लगाकर एंबुलेंस को बुलाया लेकिन उस समय एंबुलेंस की लोकेशन बनवार थी एक घंटे में बाद एंबुलेंस मिलेगी कहा गया। लेकिन एक घंटे बीत जाने के बाद भी जब एंबुलेंस नहीं पहुची तो दोबारा फोन कर एंबुलेंस का अपडेट लिए गया। तो बताया गया कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन की कमी है। इतना कहकर फोन काट दिया गया। इसके बाद परिवार जनों ने वार्डबॉय की मदद से एक ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर महिला को जैसे तैसे जबलपुर लेकर पहुचे , लेकिन समय पर इलाज न मिलने की वजह से महिला की मौत हो गई।
आधे घंटे में पिज्जा,लेकिन एंबुलेंस नहीं
जहां देश में आधे घंटे में पिज्जा पहुचा दिया जाता है वह एक घंटे बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुची पाती है जो कि एक सरकार के लिए दुर्भाग्य पूर्ण बात है। सरकार भले की करोड़ों का बजट स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बनती हो लेकिन उसका धारातल में आज भी करोड़ों के बजट का कोई औचित्य नहीं है।
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खाते की भूमिका
यह लेख एडमिन द्वारा पोस्ट किया गया है, इस ब्लॉग में सामग्री पूरी तरह से विश्वसनीय है। प्रोफ़ाइल